बहुमूल्य अवसर
आध्यात्मिक सिद्धियाँ व यौगिक विभूतियाँ भी उन्हें ही हस्तगत होती हैं, जो तप-तीक्षिता से परिपूर्ण जीवन, उत्कृष्ट उद्देश्यों को ध्यान में रखकर व्यतीत करते हैं। न्यूनतम में निर्वाह, ऊँचे उद्देश्यों के लिए जीवनयापन, प्रत्येक क्षण का सत्कर्मों में नियोजन - ये ही आध्यात्मिक जीवन का राजमार्ग हैं और इन्हें त्यागकर व्यर्थ के झंझटों में पड़ने वाले क्लेश सहते व कष्ट पाते हैं। वे मात्र लौकिक आकांक्षाओं की पूर्ति में जीवन लगाते व गँवाते हैं और इतने जन्मों में भटकने के बाद मिले इस बहुमूल्य अवसर को यों ही गँवाए खाली हाथ चले जाते हैं।
Spiritual accomplishments and yogic personalities are also available to those who lead a life full of austerity, keeping in mind the noble objectives. Subsistence in minimum, living for high purposes, planning every moment in good deeds - these are the highways of spiritual life and by abandoning them one suffers and suffers from unnecessary troubles. They spend and waste their life in fulfillment of worldly aspirations and after wandering in so many births, they go empty handed, missing this valuable opportunity.
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वेद प्रचारक स्वामी दयानन्द महर्षि स्वामी दयानन्द ने वेद प्रचार के लिए ही मुख्यतः सर्वाधिक प्रयत्न किये। उनके मौखिक प्रचार के अतिरिक्त वेदों का भाष्य, सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका एवं संस्कारविधि आदि विभिन्न ग्रन्थ वेद प्रचार के ही अंग-प्रत्यंग हैं। वह महाभारत काल के बाद के अपूर्व वेद प्रचारक हुए हैं।...