Arya Samaj Marriage Rules
For Arya Samaj Marriage,the following documents of the bride and groom and items mentioned will be required:
* Documentary evidence of Date of Birth of both the parties.
The minimum age at the time of marriage should be 21 for male and 18 for female.
* Affidavits, each from the bride and groom, stating their date of birth, marital status at the time of marriage and nationality.
* The affidavit must provide affirmation that the bride and groom are not related to each-other within the prohibited degree of relationship.
* A copy of divorce decree/order in case a divorcee or death certificate of spouse in case a widow/widower.
* Six passport size photos of each.
* Four witnesses. Identity proofs of the witnesses is mandatory.
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PHONE TIMING : 10 AM TO 8:00 PM EVERYDAY.
Please do not call us after 8:00 PM
Arya Samaj Marriage Helpline
Helpline No.: 8120018052
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National Administrative Office
Akhil Bharat Arya Samaj Trust
Arya Samaj Mandir
Divyayug Campus, 90 Bank Colony
Annapurna Road, Indore (M.P.) 452009
Tel. : 0731-2489383, 8989738486
www.aryasamajindore.com
आर्यसमाज में विवाह हेतु आवश्यक दस्तावेज एवं जानकारी
1. वर-वधु दोनों के जन्म प्रमाण हेतु हाई स्कूल की अंकसूची या कोई शासकीय दस्तावेज तथा पहचान हेतु मतदाता परिचय पत्र या आधार कार्ड अथवा पासपोर्ट या अन्य कोई शासकीय दस्तावेज चाहिए। विवाह हेतु वर की अवस्था 21 वर्ष से अधिक तथा वधु की अवस्था 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
2. वर-वधु दोनों को निर्धारित प्रारूप में ट्रस्ट द्वारा नियुक्त नोटरी द्वारा सत्यापित शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। किसी अन्य नोटरी से सत्यापित शपथ पत्र स्वीकार नहीं किये जावेंगे।
3. वर-वधु दोनों की अलग-अलग पासपोर्ट साईज की 6-6 फोटो।
4. दोनों पक्षों से दो-दो मिलाकर कुल चार गवाह, परिचय-पहचान पत्र सहित। गवाहों की अवस्था 21 वर्ष से अधिक हो तथा वे हिन्दू-जैन-बौद्ध या सिक्ख होने चाहिएं।
5. विधवा/विधुर होने की स्थिति में पति/पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र तथा तलाकशुदा होने की स्थिति में तलाकनामा (डिक्री) आवश्यक है।
6. वर-वधु का परस्पर गोत्र अलग-अलग होना चाहिए तथा हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार कोई निषिद्ध रिश्तेदारी नहीं होनी चाहिए।
आर्य समाज में सम्पन्न होने वाले विवाह "आर्य विवाह मान्यता अधिनियम -1937, अधिनियम क्रमांक 1937 का 19' के अन्तर्गत कानूनी मान्यता प्राप्त हैं।
"आर्यसमाज मैरिज हेल्पलाइन" अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक सामाजिक-शैक्षणिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। आप यह सुनिश्चित कर लें कि आपका विवाह शासन (सरकार) द्वारा आर्यसमाज विवाह कराने हेतु मान्य रजिस्टर्ड संस्था में हो रहा है या नहीं। आर्यसमाज होने का दावा करने वाले किसी बडे भवन, हॉल या चमकदार ऑफिस को देखकर गुमराह और भ्रमित ना हों।
विशेष सूचना- Arya Samaj, Arya Samaj Mandir, Arya Samaj Marriage, Court Marriage तथा Head Office और इससे मिलते-जुलते नामों से इण्टरनेट पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह शासन द्वारा मान्य एवं लिखित अनुमति प्राप्त वैधानिक है अथवा नहीं। इसके लिए सम्बन्धित संस्था को शासन द्वारा प्रदत्त आर्य समाज विधि से अन्तरजातीय आदर्श विवाह करा सकने हेतु लिखित अनुमति अवश्य देख लें, ताकि आपके साथ किसी प्रकार की धोखाधड़ी ना हो।सावधान करने के बाद भी जाने-अनजाने में यदि आप गलत जगह फंसते हैं, तो अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट की कोई जवाबदारी नहीं होगी।
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(समय - प्रातः 10 से - सायं 8 बजे तक)
आर्यसमाज मैरिज हेल्पलाइन
Helpline No.: 8120018052
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राष्ट्रीय प्रशासनिक मुख्यालय
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इन्दौर (मध्य प्रदेश) 452009
फोन : 0731-2489383, 8989738486
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मानव जीवन तो पुरुषार्थ चतुष्टय की प्राप्ति के लिए मिलता है, पर अर्थ और काम के पीछे दौड़ते-भागते हुए ही बहुतों का जीवन समाप्त हो जाता है। धर्म और मोक्ष को पाए बिना ही इसमें से बहुतों का जीवन अस्त हो जाता है।
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Human life is given for the attainment of Purusharth Chatushtaya, but the life of many ends while running after meaning and work. Without attaining Dharma and Moksha, the life of many of them comes to an end.
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मृत मानव शरीर एवं पशुओं को भी बिना सोचे-समझे सीधा नदी बहा देते हैं। कारखानों से निकला हुआ जहरीला धुआँ वर्षाकाल में वर्षा के जल में घुलकर काले पानी के रूप में बरस रहा है। जलीय जंतुओं पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार अगला विश्वयुद्ध पानी के लिए होगा। जीवन के लिए जल अत्यंत जरूरी है और उसका संरक्षण भी अति आवश्यक है।
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Dead human bodies and animals are also thrown directly into the river without any thought. The poisonous smoke coming out of the factories is raining in the form of black water after dissolving in the rain water during the rainy season. It is also affecting aquatic animals. According to scientists, the next world war will be for water. Water is very important for life and its conservation is also very important.
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पर्यावरण के महत्वपूर्ण घटक जल की स्थिति आज बहुत संवेदनशील हो गई है। हमने अपनी शोषक वृत्ति के कारण जल को मृत्यु का वाहक बना दिया है। नदी तात पर बसे हुए महानगरों एवं शहरों का संपूर्ण मल-मूत्र एवं कुडा-कचरा जलाशयों में डाल दिया गया है। कल-कारखानों का जहरीला तेजाबयुक्त पानी भी बहती हुई नदियों में डालते हुए हमने कभी नहीं सोचा कि हम अपने इस कुकर्म द्वारा पृथ्वी के अमृत को विष में बदलते चले जा रहे हैं।
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The condition of water, an important component of the environment, has become very sensitive today. We have made water the carrier of death because of our exploitative instinct. The entire excreta-urine and waste-garbage of the metros and cities situated on the banks of the river have been dumped in the reservoirs. While pouring the poisonous acidic water of factories yesterday into the flowing rivers, we never thought that we are turning the nectar of the earth into poison by this misdeed of ours.
वेद प्रचारक स्वामी दयानन्द महर्षि स्वामी दयानन्द ने वेद प्रचार के लिए ही मुख्यतः सर्वाधिक प्रयत्न किये। उनके मौखिक प्रचार के अतिरिक्त वेदों का भाष्य, सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका एवं संस्कारविधि आदि विभिन्न ग्रन्थ वेद प्रचार के ही अंग-प्रत्यंग हैं। वह महाभारत काल के बाद के अपूर्व वेद प्रचारक हुए हैं।...