कटुवचन बोलने वाला भले ही गंदी गाली न दे, पर उसका व्यंग्य उपहास भी कम मर्मभेदी नहीं होता। संवेदनशील उसी में तिरस्कार अनुभव कर लेते हैं और प्रतिशोध लेने पर उतारू होते हैं। द्रौपदी ने उपहास में ही अंधे-के-अंधे ही होते हैं इतने थोड़े-से ही व्यंग वचन बोले थे, पर आगंतुकों ने अतिथि और स्नेह-सम्मान की उपेक्षा जब इस प्रकार का अपमान देखा तो वे तिलमिला गए और अवसर आने पर द्रौपदी को भरी सभा में नंगी करने तथा असंख्यों के प्राणहरण करने वाले महाभारत का निमित्त कारण बने।
The person who speaks harsh words may not use foul language, but his satirical ridicule is also no less heart-wrenching. The sensitive feel disdain in him and are eager to take revenge. Draupadi had spoken such a few sarcastic words that the blind are only blind in derision, but when the visitors saw this kind of insult, neglect of guest and affection, they were shocked and when the opportunity came, Draupadi was filled with water. The one who stripped naked in the assembly and took the lives of innumerable people became the reason for the Mahabharata.
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समस्त विद्याएं भारत से संसार में फैले विभिन्न मतमतान्तरों का स्त्रोत भारत देश ही रहा है। संस्कृत की महिमा में महर्षि दयानन्द ने दाराशिकोह का एक उदाहरण दिया है। दाराशिकोह लिखता है कि मैंने अरबी आदि बहुत सी भाषाएं पढी, परन्तु मेरे मन का सन्देह छूटकर आनन्द नहीं हुआ। जब संस्कृत देखा और सुना तब...
स्वामी दयानन्द द्वारा वेद प्रचार स्वामी दयानन्द सत्य की खोज में अपनी आयु के बाईसवें वर्ष में घर से निकले पड़े थे। पूरे देश का भ्रमण करते हुए मिलने वाले सभी गुरुओं की संगति व सेवा करके अपनी अपूर्व बौद्धिक क्षमताओं से उन्होंने अपूर्व ज्ञान प्राप्त किया था। वह सिद्ध योगी बने और उन्होंने संस्कृत भाषा की आर्ष व्याकरण पद्धति,...
निर्णय लेने की प्रक्रिया में समय की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। जो निर्णय समय रहते ले लिए जाते हैं और आचरण में लाए जाते हैं, वे अपना आश्चर्यजनक परिणाम दिखाते हैं। जबकि समय सीमा के बाहर एक सेकण्ड का विलम्ब भी भयंकर हानि पहुँचाने का कार्य कर सकता है। इसलिए फैसले लेने के लिए सही समय पर...