स्वामी दयानन्द द्वारा वेद प्रचार स्वामी दयानन्द सत्य की खोज में अपनी आयु के बाईसवें वर्ष में घर से निकले पड़े थे। पूरे देश का भ्रमण करते हुए मिलने वाले सभी गुरुओं की संगति व सेवा करके अपनी अपूर्व बौद्धिक क्षमताओं से उन्होंने अपूर्व ज्ञान प्राप्त किया था। वह सिद्ध योगी बने और उन्होंने संस्कृत भाषा की आर्ष व्याकरण पद्धति,...
निर्णय लेने की प्रक्रिया में समय की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। जो निर्णय समय रहते ले लिए जाते हैं और आचरण में लाए जाते हैं, वे अपना आश्चर्यजनक परिणाम दिखाते हैं। जबकि समय सीमा के बाहर एक सेकण्ड का विलम्ब भी भयंकर हानि पहुँचाने का कार्य कर सकता है। इसलिए फैसले लेने के लिए सही समय पर...