विद्वानों का मत
विद्वानों का मत है कि अगला विश्वयुद्ध जल के कारण होगा। इसका सत्य तो भविष्य बताएगा, पर नालों पर हर दिन डिब्बे और कनस्तर लिए लोगों को झगड़ते हुए कोई भी देख सकता है। जो कार दो बालटी पानी में धोई जा सकती है, उसे दो हजार लीटर साफ पानी से धोते हुए लोग प्रायः मिल जाते हैं। हम वर्षा जल का संरक्षण कर तथा पानी को व्यर्थ न जाने देकर भी इस दिशा में अपना व्यक्तिगत सहयोग दे सकते हैं। हम साफ पानी पिएँ, यह तो आवश्यक है ही, पर कितना पिएँ, इस बारे में अलग-अलग मत हैं। फिर भी एक वयस्क व्यक्ति को दिन भर में आठ-दस गिलास पानी तो पीना ही चाहिए।
Scholars are of the opinion that the next world war will be due to water. The future will tell its truth, but every day one can see people quarreling with cans and canisters on the drains. A car that can be washed in two buckets of water is often found by people washing it with two thousand liters of clean water. We can also give our personal support in this direction by conserving rain water and not letting the water go to waste. We should drink clean water, it is necessary, but there are different opinions about how much to drink. Still, an adult person should drink eight to ten glasses of water throughout the day.
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वेद प्रचारक स्वामी दयानन्द महर्षि स्वामी दयानन्द ने वेद प्रचार के लिए ही मुख्यतः सर्वाधिक प्रयत्न किये। उनके मौखिक प्रचार के अतिरिक्त वेदों का भाष्य, सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका एवं संस्कारविधि आदि विभिन्न ग्रन्थ वेद प्रचार के ही अंग-प्रत्यंग हैं। वह महाभारत काल के बाद के अपूर्व वेद प्रचारक हुए हैं।...