अंतश्चेतना में अंतर्ज्ञान का प्रकाश फैल जाने पर न केवल वर्तमान, बल्कि अतीत एवं भविष्य भी साधक के समक्ष सुस्पष्ट होते हैं। वह जो भी जानना चाहता है, जानने में सक्षम व समर्थ होता है।
आर्य समाज में विवाह हेतु आवश्यक जानकारी
आर्य समाज में सम्पन्न होने वाले विवाह "आर्य विवाह मान्यता अधिनियम-1937, अधिनियम क्रमांक1937 का19' के अन्तर्गत कानूनी मान्यता प्राप्त हैं।
"आर्यसमाज ऑनलाइन" अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट द्वारा संचालित है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट एक सामाजिक-शैक्षणिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। विवाह सम्बन्धी कार्यवाही करने से पूर्व आप यह सुनिश्चित कर लें कि आपका विवाह शासन (सरकार) द्वारा आर्यसमाज विवाह कराने हेतु मान्य रजिस्टर्ड संस्था में हो रहा है या नहीं। आर्यसमाज होने का दावा करने वाले किसी बड़े हॉल या भवन अथवा मन्दिर या चमकदार ऑफिस को देखकर भ्रमित और गुमराह ना हों।
विशेष सूचना- Arya Samaj तथा Arya Samaj Marriage, Head Office, Court Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से इण्टरनेट पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्य समाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं।
आर्य समाज में विवाह हेतु आवश्यक दस्तावेज
1.वर-वधु दोनों का जन्म प्रमाण पत्र तथा पहचान पत्र। जैसे- हाईस्कूल प्रमाण पत्र/ पासपोर्ट/आधार कार्ड़/नगर निगम द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र/मतदाता पहचान पत्र/राशन कार्ड़ आदि। विवाह हेतु वर की अवस्था 21 वर्ष से अधिक तथा वधु की अवस्था 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
2.वर-वधु दोनों को निर्धारित प्रारूप में ट्रस्ट द्वारा नियुक्त नोटरी द्वारा सत्यापित शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। किसी अन्य नोटरी से सत्यापित शपथ पत्र स्वीकार नहीं किये जावेंगे।
3.वर-वधु दोनों की अलग-अलग पासपोर्ट साईज की 6-6 फोटो।
4.दोनों पक्षों से 2-2 गवाह, परिचय-पहचान पत्र सहित।
5.विधवा/विधुर होने की स्थिति में पति/पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र तथा तलाकशुदा होने की स्थिति में तलाकनामा (डिक्री) आवश्यक है।
6.वर-वधु का परस्पर गोत्र अलग-अलग होना चाहिए तथा हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार कोई निषिद्ध रिश्तेदारी नहीं होनी चाहिए।
अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें (समय - प्रातः 11 से - सायं 8 बजे तक) -
राष्ट्रीय प्रशासनिक मुख्यालय
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When the light of intuition spreads in the subconscious, not only the present, but the past and the future also become clear to the seeker. He is capable and capable of knowing whatever he wants to know.
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संयम को सिद्ध करने वाला योगी पंच तन्मात्राओं को भी अपने वशीभूत कर लेता है। वह अपनी इच्छानुसार स्वयं को जब चाहे तब अदृश्य, अश्रव्य, अस्पर्श कर सकता है। संयम की सिद्धि साधक को अपने वंचित व प्रारब्ध कर्मों को जानने की क्षमता प्रदान करती है, जिसके बल पर वह स्वयं के अतीत व भविष्य के बारे में जान सकता है।
A yogi who perfects self-control, also subdues the five tanmatras. He can make himself invisible, inaudible, untouchable whenever he wants. The siddhi of self-control gives the aspirant the ability to know his deprived and destined deeds, on the basis of which he can know about his own past and future.
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निर्णय लेने की प्रक्रिया में समय की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। जो निर्णय समय रहते ले लिए जाते हैं और आचरण में लाए जाते हैं, वे अपना आश्चर्यजनक परिणाम दिखाते हैं। जबकि समय सीमा के बाहर एक सेकण्ड का विलम्ब भी भयंकर हानि पहुँचाने का कार्य कर सकता है। इसलिए फैसले लेने के लिए सही समय पर...