मुख्य स्त्रोत अन्न
हमारे शरीर निर्माण का मुख्य स्त्रोत अन्न है। इसलिए अन्न की शुद्धता पर आयुर्वेद में बहुत जोर दिया गया है, लेकिन आज अन्न के पैदा होने से लेकर भंडारण होने की प्रक्रिया तक उसमें कीटनाशक रसायनों का घालमेल है। इसलिए अन्न का आज, तेज और प्राण नष्ट हो रहा है। इसी तरह फल भी विषाक्त हो। शरीर स्वस्थ और रोगरहित होना बिलकुल ही अलग बातें हैं। महर्षि चरक ने यह बताया है कि स्वस्थ होना एक तरह का सुख है और रोगी होना एक तरह एक दुःख है।
Food is the main source of our body building. That's why a lot of emphasis has been given in Ayurveda on the purity of food, but today from the production of food till the process of storage, pesticide chemicals are mixed in it. That's why today, fast and life of food is getting destroyed. Similarly, fruits are also toxic. Being healthy and disease free are completely different things. Maharishi Charak has told that being healthy is a kind of happiness and being sick is a kind of sorrow.
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वेद प्रचारक स्वामी दयानन्द महर्षि स्वामी दयानन्द ने वेद प्रचार के लिए ही मुख्यतः सर्वाधिक प्रयत्न किये। उनके मौखिक प्रचार के अतिरिक्त वेदों का भाष्य, सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका एवं संस्कारविधि आदि विभिन्न ग्रन्थ वेद प्रचार के ही अंग-प्रत्यंग हैं। वह महाभारत काल के बाद के अपूर्व वेद प्रचारक हुए हैं।...